About bhoot wala kahani

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और इसलिए, राम, सोनू, और भूतिया गुफा की कहानी गांबवालो के लिए एक मिशाल बन गई।

लेकिन फिर उस घर में रात को और अजीब अजीब चीजें होने लगीं। रात को वहाँ कितकियों का अपने आप पट पटाना, और ऐसा लगना जैसे उनके कम्बल को जैसे कोई धीरे से नीचे से कींच रहा हो। और कभी कभी उन्हें पैरों के पास ठंडी सी एहसास होती थी जैसे कोई ठंडी हात उसे चूराही हो। और उस कमरे में किसी के आने जाने का आभास भी हर रात होती थी। फिरभी दूसरे घर न मिलने की मजबूरी में वही सहते हुवे रह गए।

यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ लोग रात के समय एक विशेष घर के पास से अजीब-अजीब आवाजें सुनते थे। लोग इसे भूत की कहानी मानते थे, लेकिन कोई भी वास्तविकता में नहीं जानता था।

वह अपनी पत्नी से पूछता है कि यह कौन है? तब पत्नी कहती है कि पता नहीं यह व्यक्ति कौन है? मैंने सोचा कोई तुम्हारा जानकार होगा।मगर इस बदतमीज है इसने मुझे थप्पड़ मारा। लड़का रो रहा था तो मुझे मारा कि लड़के को क्यों रुला रही हो। 

भूतिया कहानियां की कड़ी में आज हम आपको भूतों की कहानी में हल जोतने वाले भूत की कहानी सुनाने वाले है। कैसे एक भूत ने डर के मरे हल जाते। 

मोहन का पूरी दुनिया में कोई नहीं था तो उम्र बढ़ने के साथ उसे अपनी शादी की चिंता सताने लगी थी। इसलिए, वह अक्सर लोगों से पूछा करता था कि उसकी शादी कहां और किससे होगी?

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वह एक कुत्ता था, लेकिन कोई साधारण कुत्ता नहीं था। इसकी आँखें अलौकिक तीव्रता से चमक रही थीं। कुत्ता घायल और खोया हुआ लग रहा था, इसलिए राम और सोनू दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए सावधानी से उसके पास पहुंचे। आश्चर्यजनक रूप से, कुत्ते ने अपनी पूंछ हिलाई और उनका पीछा करने लगा।

टनल में उस समय पानी नहीं छोड़ा गया था। आग से बुरी तरह लीपटी हुयी उस लड़की की चीखउस इलाके में गूंज गई। उसकी चीख इतनी भयानक थी कि आस-पास के कई लोग वहां आ पहुंचे और टनल के उपर से आग से लड़ती हुई इस लड़की को देखते रहे, लेकिन किसी ने भी उसे बचाने की हिम्‍मत नहीं की और आखिरकार आग से हारकर उस जवान लड़की ने वहीं दम तोड़ दिया। इसके अलांवा एक और हादसा इस टनल में हुआ, ये हादसा भी एक युवती के साथ ही हुआ।

उस दिन से गौरब को भुत और आत्माओं से डर लगना बंद हो जाता है।

राजू का खिलौना गाँववालों को भी प्रभावित कर गया, और उन्होंने समझा कि खुशी और सफलता एक आत्मिक स्थिति से आती हैं, न कि बाह्यिक वस्त्रों या वस्तुओं से। गाँव में एक नई आत्मा और सोच का उत्थान हुआ, जिसमें सभी लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशहाल जीवन बिता रहे थे।

आदमी हंसते हुए उत्तर दिया, “भूत? नहीं, यहाँ कोई भूत नहीं है। मैं यहाँ एक महिला के साथ रहता हूँ और हम यहाँ शांति से जी रहे हैं।”

गौरब एक पंडित को लेकर उस घर में जाता है और पूजा पाठ करवाता है। इससे उस आत्मा bhoot wali kahani को उस घर से मुक्ति मिल जाती है और वह गौरब का धन्यवाद करती है। गांब वाले सभी गौरब के इस कारनामे से प्रसन्न होते है और उसे इनाम देते है।

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